ऑपरेशन सिंदूर : भारतीय सेना का शौर्य, प्रतिशोध और आत्मगौरव का ऐतिहासिक अध्याय
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By Admin
Published - 07 May 2025 71 views
स्वतंत्र पत्रकार विजन
डा.सौरभ पाण्डेय।
भारत एक शांतिप्रिय देश है। हमारे पुरखों ने 'वसुधैव कुटुम्बकम्' और 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' जैसे विचारों से पूरी दुनिया को मानवता और सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया है। परंतु जब भी भारत की इस शांति, सहनशीलता और धर्मनिरपेक्षता पर आतंकी ताकतों ने वार किया है, तब हमारी सेना ने यह प्रमाणित किया है कि भारत की सहनशीलता उसकी कमजोरी नहीं, उसकी संस्कृति है—और जब बात देश की अस्मिता, नागरिकों की रक्षा और आत्मसम्मान की आती है, तो भारत प्रतिशोध नहीं, निर्णायक न्याय करता है।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। कुछ निर्दोष हिन्दू शैलानी, जो केवल प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने कश्मीर गए थे, उनका धर्म पूछकर गोलियों से भून दिया गया। यह कायरता नहीं, मानवता पर किया गया खुला युद्ध था। यह नृशंसता इस बात की चेतावनी थी कि आतंक के खिलाफ अब मौन या प्रतीक्षा नहीं, एक निर्णायक उत्तर आवश्यक है।
और उस उत्तर का नाम है — ऑपरेशन सिंदूर।
भारतीय सेना ने इस भीषण कृत्य के बाद पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों में घुसकर की गई सर्जिकल एयर स्ट्राइक में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। यह केवल सैन्य कार्यवाही नहीं, राष्ट्र की आत्मा की पुकार थी, जो अब आतंक के खिलाफ पूरी तरह जाग चुकी है।
'ऑपरेशन सिंदूर' केवल एक सैन्य मिशन नहीं था, यह भारतीय आत्मबल का उदघोष था। यह संदेश था कि अब भारत चुप नहीं बैठेगा, अब भारत हर बर्बरता का हिसाब मांगेगा। और जिस धरती पर हिन्दुस्तानी खून बहाया जाएगा, उस धरती पर न्याय की आग बरसेगी।
इस साहसिक कार्यवाही से सम्पूर्ण राष्ट्र रोमांचित है। जन-जन के हृदय में गर्व, सम्मान और सुरक्षा की भावना का संचार हुआ है। पूरा भारतवर्ष भारतीय सेना के शौर्य को नमन कर रहा है। सोशल मीडिया से लेकर गांव-गांव तक, हर नागरिक ने अपनी सेना के साथ खड़े होकर यह सिद्ध किया है कि भारत अब जाग चुका है।
इस कार्यवाही से एक और संदेश स्पष्ट हुआ है — भारत की आस्था पर, भारत की नागरिकता पर, और भारत की एकता पर जो हाथ उठेगा, वह अब बख्शा नहीं जाएगा।
धरा धाम इंटरनेशनल, एक सर्वधर्म सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को समर्पित संस्था होने के नाते, भारतीय सेना के इस पराक्रम को कृतज्ञता और श्रद्धा से प्रणाम करती है।
हम उन निर्दोष आत्माओं को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने अपना जीवन गँवाया, परन्तु राष्ट्र को जागृत कर दिया।
अब समय आ गया है कि भारतवासी केवल शोक न करें, बल्कि संगठित हो जाएँ, सजग हो जाएँ, और सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर एक सुरक्षित, शक्तिशाली और जागरूक राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें।
लेखक डा सौरभ पाण्डेय स्वतंत्र जनमित्र समाचार पत्र के प्रबंध संपादक एवं धरा धाम इंटरनेशनल के प्रमुख है।
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